Friday 19 August, 2011

रिटर्न ऑफ द रावण

अभी अभी पता चला है 
राम ने वध किया था जिस रावण का
वो दरअसल क्लोन था उसका
असली वाला तो हो गया था अंडरग्राउंड 
खूब फला फूला
इतना कि समा नहीं सका लंका में 
और फ़िर एक दिन कूद के आ पहुंचा इस पार 
बढते बढते फ़ैल गया सब तरफ 
इस पुण्यभूमि भारत में
अब वो लगा है अपनी दुष्टता में
खा डालता है खेत के खेत 
नोंच खसोट डालता है बस्तियाँ
आग लगाता घूमता है हर ओर
हमारे चूल्हों में डाल जाता है पानी 
अट्टहास करता सुना जाता है राजधानियों में
मुंह चिढाता है टीवी पर अक्सर
सड़कों पर खेलता है कबड्डी 
मजाक उड़ाता रहता है व्यवस्था का
धज्जियां उड़ा डाली हैं नियम क़ानून की
पड़ोस के गुंडों को देता है शह 
जो यहाँ आके मचाते हैं उत्पात
जीना कर रक्खा है हराम 
अब तो आये कोई राम 
और हाँ 
बापू से नहीं होगा काबू
धनुष वाले राम चाहिए अब तो 

No comments:

Post a Comment