| एक एक पन्ना ज़िन्दगी |
| इतिहास में चुपचाप ले जाकर |
| बाँध रखा है वक्त ने जिल्द में |
| मिटे मिटे से कुछ हर्फ़ |
| जिनमे बाकी है धीमी सी सांस अभी |
| धुन्धलाये से पड़े यहाँ वहा कुछ नुक्ते |
| याद की लहरों को झोंका देते हुए कई सफे |
| एहसासों की गर्मियां और |
| बुझती बुझती सी चन्द खुशबुएँ ज़िंदा हैं अभी |
| पन्नो के बीच दबे सूखे गुलाब |
| कागजों के मुड़े हुए कोने |
| एक पशेमंजर बयान करते हैं |
| रंगीन खुशनुमा दिलचस्प मुतमईन |
Thursday, 8 November 2012
४७ पन्ने
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