अब आयेगा राम राज्य |
"नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना। नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना॥ |
अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। सब सुंदर सब बिरुज सरीरा॥"
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लोग भूखे रहने को मजबूर नहीं रहेंगे |
अब जल्द ही गरीबी दूर होगी |
दवा के अभाव में असमय मृत्यु नहीं होगी किसी की |
स्वस्थ और सुन्दर शरीर होंगे सबके |
पढ़ लिख कर बनेंगे गुणवान |
सब होंगे खुशहाल और मालामाल |
देश शक्तिशाली और समृद्ध |
अब देखना रुपया कैसे चढ़ता है डालर के मुकाबले |
जब इतना अपार सोना अभी निकलेगा खुदाई में |
लोग भी न जाने क्यों यूँही दोष देते रहते हैं सरकार पर |
कि सरकार कुछ कर नहीं रही |
अरे मूर्खों |
देश की सारी समस्यायों का गद्दा बना के |
घोटालों और बेईमानियों की चादर तान के |
सो न रही होती सरकार अगर |
तो कैसे देखती सपना |
और सपने में सोना ? |
Tuesday, 22 October 2013
सपना सोना और सरकार
Monday, 14 October 2013
एक टुकड़ा सूरज और पूड़ी हलवा
त्योहारों के इन दिनों |
हलवा पूड़ी खाते गरीब बच्चे |
कितने खुश दिखाई देते हैं |
और खुश दिखाई देते हैं वे भी |
जिनके लिए इन बच्चों का अस्तित्त्व बेहद जरूरी है |
पुण्य कमा कर सीधे स्वर्ग जाने के लिए |
गरीबी और दीनता के ये जलसे |
शायद किसी के अपराध बोध का इलाज भी हों |
लेकिन एक हवा भी है |
हर चीज की तरह ये जलसे |
ये तो सब खैर ठीक है लेकिन |
आश्चर्य ये कि झोपड़ियों का नरक |
कभी ऊंची इमारतों के स्वर्ग से ये नहीं कहता |
थोड़ा हटो और हवा आने दो ! |
और ये ऐलान कि |
सारा पानी तुम्हारा ही नहीं है !! |
और ये सवाल कि |
कहाँ है हमारे हिस्से का सूरज !!! |
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