Tuesday 30 March, 2010

इतिहास

प्रारम्भिक राजवंशीय काल के
मेसोपोटैमिया के युद्धों से लेकर
अत्याधुनिक आतंकवाद के विरुद्ध
चल रहे युद्धों तक
मानव इतिहास पटा पड़ा है लड़ाइयों से
इतिहास का मतलब ही है शायद
युद्धों का इतिहास
केवल संघर्षों की कहानियाँ भर हैं
पुस्तकों में वर्णित हमारी गाथायें
हर वक्त होता ही रहा है धरती पर
कहीं न कहीं युद्ध
और कुछ नहीं
तो शान्ति के लिये युद्ध
जीना आता ही नहीं हमें
जैसे शान्ति से
बुनियादी रूप से ही गलत है शायद
हमारे जीने का ढंग
सेना राजा राज्य आक्रमण
ध्वस्त धराशाई परास्त विजयी
सन्धि समर्पण इत्यादि मात्र दर्जन भर शब्दों मे
सिमटकर रह गया है इतिहास
हमारी इतनी लम्बी मानव सभ्यता का
या असभ्यता का

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