Tuesday, 15 September 2009

मैं ऒर मैं

तुम मेरे हो
तुमसे लगाव मेरा है
तुम्हारी चाहत मेरी है
तुमसे विछोह मेरा है
उसकी तड़प मेरी है
तुम्हारी आस मेरी है
गहन प्यास मेरी है
तुम्हारे दर्द मेरे हैं
तुम्हारे स्वप्न मेरे हैं
लगाव चाहत विछोह तड़प
आस प्यास दर्द ऒर स्वप्न
से सहमा हुआ ये
गुजरता जीवन मेरा है
अनगिनत रंगीन भावनाओं के
बोझ तले दबकर सिसकते हुये
हॊले से सर उठाकर ये
उभरता गीत मेरा है
आश्चर्य!
इसमे तुम्हारा क्या है!

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