Tuesday 23 February, 2010

जमीन

वे लोग आये और बोले
यहाँ बनेगी सड़क
मैने कहा ठीक
एक बूढे ने आकर पूछा
क्या वह गेंहू उगा सकता है वहाँ
मैने हामी भर दी
बच्चों ने पढना चाहा वहाँ
मैने इन्कार नहीं किया उसे
जो स्कूल बनाने आया था वहाँ
ढेर सारे मवेशी आये
और घास चरने लगे वहाँ
उन्होने मुझसे कुछ नहीं पूछा
मुझे बुरा लगा क्योंकि
अभी तक सबने पूछा था
लेकिन मैने कोई विवाद नहीं किया
मुझे खयाल आ गया था कि समय हो चुका है
और मुझे अब फ़िर चल देना है अपने रास्ते
उस खाली मैदान के साथ खड़े
इस पेड़ के तले से उठकर
जहाँ मै रुका था
पल भर विश्राम को

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