सूखे में बरबाद होना है या कि बाढ़ में |
भूख से मरना पसंद है आपको |
या कि इलाज के अभाव में |
रेल दुर्घटना में भी मरने की सोच सकते हैं आप |
किसी मंदिर की रेलमपेल में भी हो जाएगा ये काम |
घायल होकर अपाहिज होना हो तो इतने तरीके उपलब्ध हैं |
कि गिनाए ही न जा सकें |
जो चाहो चुन लो अपने परेशान होने की वजह |
सारे विकल्प खुलें हैं |
आपकी बेटी का रेप हो सकता है |
या आपके बेटे का इनकाऊंटर |
या फ़िर आत्महत्या भी कर सकती है आपकी बीवी |
गरीबी की लाचारी में |
चुनाव आपका है |
स्वतन्त्र हैं आप चुनने को |
कच्ची देशी जहरीली शराब |
बच्चों के स्कूलों में जहरीला दलिया |
विषाक्त दूध फल सब्जियां |
नकली दवाएं म्लेच्छ पानी |
आपको बेकार में अपना दिन बरबाद करना है |
बहुत सुविधाएँ है |
किसी कचहरी में अर्जी को चले जाइए |
राशन के दफ्तर या फ़िर |
जन्म मृत्यु कार्यालय में |
अपने मरे बाप का सर्टिफिकेट लेने पहुँच जाइए |
आपको अपना खून जलाने का शौक है |
इनकम टैक्स का दफ्तर है |
नगर निगम का अद्भुत कार्यालय है |
बैठे ठाले आ बैल मुझे मार का मन हो आये तो |
पुलिस तो खैर है ही |
सेवा में तत्पर सदैव |
अनगिनत सेवायें हैं |
अनगिनत विकल्प हैं |
सतपुड़ा निवासी नेता आपकी गर्दन पर सवार होकर |
आपकी जेब से खींचे आपकी गाढ़ी कमाई का रुपया |
या फ़िर गंगा किनारे वाला सफेदपोश शातिर गुंडा नेता |
तमाचा मार के आपके मुंह से निकाल ले निवाला |
खूब विकल्प हैं |
खूब चुनने को है |
मस्त हैं राजा |
परजा की ऐसी तैसी है |
अजब तमाशा है |
गजब डेमोक्रेसी है |
Thursday, 8 September 2011
लोक का अलौकिक तंत्र
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