लो फिर आ गया मौसम |
टोपियाँ पहनकर टोपियाँ पहनाने का |
टोपियाँ उछालने का मौसम |
उन्हें जिताने का मौसम |
जो सब जीते हुए हैं ही |
उनके द्वारा जो सब हारे हुए हैं |
बड़ी गंभीरता से मजाक करने का मौसम |
गंभीर मसलों को मजाक में उड़ा देने का मौसम |
खीसें निपोरने का मौसम |
रुपये बोने का मौसम |
पत्ते काटने का मौसम |
तलुवे चाटने का मौसम |
वादे बरसाने का |
बहलाने फुसलाने का |
हरे हरे नोटों का |
जनता के वोटों का |
फिर आ गया मौसम |
Friday, 14 March 2014
भीड़भाड़ और भेड़िये
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