Wednesday 15 November, 2017

ऐ लड़कियों

ऐ गंदी लड़कियों 
ऐ घूमने फिरने वाली लड़कियों 
सूर्यास्त के बाद भी 
तुम्हारे पैरों में चलने फिरने की ताकत रहती है आश्चर्य 
तुम्हे बनाते समय ईश्वर से कोई भूल हो गई होगी ज़रूर 
ऐ निर्लज्ज लड़कियों 
ऐ पढ़ी लिखी लड़कियों 
सिनेमा देखने के बावजूद  
तुम्हारी आँखों में देखने की शक्ति बनी रहती है आश्चर्य 
तुम्हे बनाते समय ईश्वर से कोई भूल हो गई होगी ज़रूर 
ऐ चाऊमीन खाने वाली लड़कियों 
ऐ तंग कपडे पहनने वाली लड़कियों 
ऐ हंसी मजाक करने वाली लड़कियों 
तुम्हे बनाते समय ईश्वर से कोई भूल हो गई होगी ज़रूर 

Tuesday 14 November, 2017

दिल्ली की धुंध

दिल्ली धुंध में है 
अब तो पता चल रहा है अंधों को भी 
आँख वाले कहते हैं लेकिन 
तख्तो ताज की मेहरबानी से 
बरसों से है 
धुंध में दिल्ली 

Monday 13 November, 2017

अमरत्व

वे चाहते हैं 
इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो जाना 
जिन राहों पर चलकर 
वे जाती हैं वहां जहाँ 
न कोई होगा इतिहास लिखने वाला 
और न पढने वाला