तुम मेरे हो
तुमसे लगाव मेरा है
तुम्हारी चाहत मेरी है
तुमसे विछोह मेरा है
उसकी तड़प मेरी है
तुम्हारी आस मेरी है
गहन प्यास मेरी है
तुम्हारे दर्द मेरे हैं
तुम्हारे स्वप्न मेरे हैं
लगाव चाहत विछोह तड़प
आस प्यास दर्द ऒर स्वप्न
से सहमा हुआ ये
गुजरता जीवन मेरा है
अनगिनत रंगीन भावनाओं के
बोझ तले दबकर सिसकते हुये
हॊले से सर उठाकर ये
उभरता गीत मेरा है
आश्चर्य!
इसमे तुम्हारा क्या है!
Tuesday 15 September, 2009
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