दशहरी अब आम नहीं रहा
गायब है इस दफे
जैसे की खास हो कोई
मिला बड़ी मुश्किल से एक दिन
तो ले आये
दिखता तो था बढ़िया
निकला बड़ा बोगस लेकिन
अगली बार फल वाले से कहा हमने
ऊपर से तो बहुत सही है तुम्हारा आम
लेकिन अंदर से कुछ और ही है भाई
बड़े जोर से हँस के बोला बुढऊ
आमऊ ससुर नेता हुई गए आजकल
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