चुपचाप खड़ा
वह धैर्य धन गर्दभ
पीछे का बांया पैर
और आगे का दांया
रस्सी से बंधे
चल तो पाता लेकिन घोंघे की चाल
मैंने अपने पैरों की तरफ देखा
मैंने औरों के पैरों की तरफ देखा
तमाम अदृश्य रस्सियों के मायावी जाल
एक दूसरे से बंधे घिसटते तमाम पाँव
और केंचुए सी रेंगती मनुष्यता
वह धैर्य धन गर्दभ
पीछे का बांया पैर
और आगे का दांया
रस्सी से बंधे
चल तो पाता लेकिन घोंघे की चाल
मैंने अपने पैरों की तरफ देखा
मैंने औरों के पैरों की तरफ देखा
तमाम अदृश्य रस्सियों के मायावी जाल
एक दूसरे से बंधे घिसटते तमाम पाँव
और केंचुए सी रेंगती मनुष्यता
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