| वह लड़ी होगी |
| वह बड़ी हिम्मत से लड़ी होगी |
| जीने की अदम्य लालसा लिए |
| मौत से इतने दिन लड़ते सबने देखा उसे |
| अपने सम्मान को बचाने ले लिए |
| उन दरिंदो से भी यक़ीनन खूब लड़ी होगी वह |
| और जाते जाते एक चुनौती दे गई है हम सब को |
| इंसानियत का हक़ अदा करने की चुनौती |
| वह कह गई है |
| हमसे कुछ सीखो तो लड़ाई मत छोड़ना |
| जीने की लड़ाई |
| सम्मान की लड़ाई |
| आजादी से सांस लेने की लड़ाई |
| पूरी ताकत भर विरोध में खड़े रहना दरिंदगी के |
| हमने तो खूब संघर्ष किया काले चेहरों से |
| अब तुम्हे मेरी कसम |
| सिर्फ चेहरों तक उलझ के मत रह जाना |
| उनके पीछे की पूरी कालिख को देख लेना ठीक से |
| एक एक कोने से निकाल खींचना अँधेरी साजिशों को |
| और मत बैठना चैन से |
| सूरज के निकलने तक |
Monday, 31 December 2012
भारत पुत्री
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

No comments:
Post a Comment