देखो तो सब कुछ हमी हैं यहाँ |
नहीं तो कुछ भी नहीं हैं यहाँ |
चाँद तारों से सीधी मुलाकात है |
उजालों की सूरज से सौगात है |
मै राजी नहीं हूँ छोटी बात पर |
दावा है सारी कायनात पर |
ले सको तो दुनिया तैयार है |
ज़िंदगी इससे कम पे बेकार है |
उर्दू के दड़बे में रहना नहीं |
एक मंदिर में सिमटना नहीं |
टुकड़ों में हमको बटना नहीं |
अपना तो ये पूरा संसार है |
ले सको तो दुनिया तैयार है |
क्यों हम भारत चीन के हों |
क्यों नए या प्राचीन के हों |
सब समयों और जगहों से |
जीवन धर्म करम से पार है |
ले सको तो दुनिया तैयार है |
रहन सहन और खान पान |
कितना विविध कैसा महान |
ये सब कुछ जो भी है मेरा है |
अपना ही सारा परिवार है |
ले सको तो दुनिया तैयार है |
Sunday, 2 October 2011
सारा
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