Sunday 2 October, 2011

सारा

देखो तो सब कुछ हमी हैं यहाँ
नहीं तो कुछ भी नहीं हैं यहाँ
चाँद तारों से सीधी मुलाकात है
उजालों की सूरज से सौगात है
मै राजी नहीं हूँ छोटी बात पर 
दावा है सारी कायनात पर
ले सको तो दुनिया तैयार है
ज़िंदगी इससे कम पे बेकार है 
उर्दू के दड़बे में रहना नहीं 
एक मंदिर में सिमटना नहीं 
टुकड़ों में हमको बटना नहीं 
अपना तो ये पूरा संसार है 
ले सको तो दुनिया तैयार है
क्यों हम भारत चीन के हों
क्यों नए या प्राचीन के हों 
सब समयों और जगहों से  
जीवन धर्म करम से पार है 
ले सको तो दुनिया तैयार है
रहन सहन और खान पान 
कितना विविध कैसा महान 
ये सब कुछ जो भी है मेरा है 
अपना ही सारा परिवार है 
ले सको तो दुनिया तैयार है

No comments:

Post a Comment