उनसे तो ज़रा पूछिये जिनने समझाया है |
पढ़ लिख के आखिर उनने क्या पाया है |
कटिया डाल बिना मीटर बिजली चलाई |
कुलियों की जेब गरम कर बर्थ हथियाई |
नंबर बढ़वा के बेटे को डाक्टरी पढ़वाई |
घर बैठे बेटी को एमे की डिग्री दिलवाई |
दलित कोटे का पंप अपने घर में लगाके |
अन्ना की रैली में जाकर शोर मचाया है |
उनसे तो ज़रा पूछिये जिनने समझाया है |
टूर पे सेकण्ड से जाके फर्स्ट का बिल और |
बुआ के घर पे रह के टीए डीये बनाया है |
अस्पतालों से गरीबों की दवा बेच खाई है |
गरीबों के हिस्से का दाल चावल चुराया है |
रसीदों बिना नगद रुपयों से सौदे कियें हैं |
बिस्तरों और लाकरों में सोना छुपाया है |
उनसे तो ज़रा पूछिये जिनने समझाया है |
दो कौड़ी के नेता से चार जूते खाए हैं |
चपरासी और ड्राइवर पे रोब जमाया है |
भांजे को उम्र कैद की सजा से बचाया है |
और एक्सपोर्ट का लाइसेंस दिलवाया है |
बच्चों का दलिया भैंसों का चारा खा गए |
खेती की जमीन पर बंगला बनवाया है |
उनसे तो ज़रा पूछिये जिनने समझाया है |
Thursday, 22 December 2011
अकथ कहानी बाबू की
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