खतरनाक रहा हमेशा
सच का धन्धा
जीसस को सूली
सुकरात को जहर
मंसूर को फ़ाँसी
गैलीलियो को नज़र कैद
ये सब
ईनाम ठहरे सच बोलने के
न जाने क्या क्या दिखाया सच ने और भी
जैसे
बुद्ध को पत्थर और गालियाँ
महावीर के कानों में कीलें
ये तो पुरानी बातें ठहरीं
अभी हाल ही में भी
मार दिये गये इसी चक्कर में
दुबे सरीखे भाई लोग
और अब आजकल तो
उतार दिये जाते हैं मौत के घाट
सच सुनने वाले भी
सूचना का अधिकार तो है आपको
मगर कीमत उसकी लीजिये जान
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