अपनी पूर्णता मे खिला हुआ एक बड़ा सा फ़ूल
खड़ा है मुँह उठाये
आकाश की ओर
अभी जब मुर्झायेगा ये हल्का होगा
और झुक रहेगा धरती की ओर
चेतनाओं पर नहीं लागू होता
गुरुत्वाकर्षण का नियम
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अनुभूति सत्य है, अभिव्यक्ति मिथ्या.
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