| अभी अभी पता चला है |
| राम ने वध किया था जिस रावण का |
| वो दरअसल क्लोन था उसका |
| असली वाला तो हो गया था अंडरग्राउंड |
| खूब फला फूला |
| इतना कि समा नहीं सका लंका में |
| और फ़िर एक दिन कूद के आ पहुंचा इस पार |
| बढते बढते फ़ैल गया सब तरफ |
| इस पुण्यभूमि भारत में |
| अब वो लगा है अपनी दुष्टता में |
| खा डालता है खेत के खेत |
| नोंच खसोट डालता है बस्तियाँ |
| आग लगाता घूमता है हर ओर |
| हमारे चूल्हों में डाल जाता है पानी |
| अट्टहास करता सुना जाता है राजधानियों में |
| मुंह चिढाता है टीवी पर अक्सर |
| सड़कों पर खेलता है कबड्डी |
| मजाक उड़ाता रहता है व्यवस्था का |
| धज्जियां उड़ा डाली हैं नियम क़ानून की |
| पड़ोस के गुंडों को देता है शह |
| जो यहाँ आके मचाते हैं उत्पात |
| जीना कर रक्खा है हराम |
| अब तो आये कोई राम |
| और हाँ |
| बापू से नहीं होगा काबू |
| धनुष वाले राम चाहिए अब तो |
Friday, 19 August 2011
रिटर्न ऑफ द रावण
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