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तत्वमसि
अनुभूति सत्य है, अभिव्यक्ति मिथ्या.
Friday, 4 December 2009
बच्चे
उसके झोपड़े में
गहराती हुई रात के साथ
एक एक करके उसके बच्चे
ओढने को खींचते
उसकी पहनी हुई साड़ी
बच्चों के तन ढकते जाते
और उसका उघड़ता
होती एक और बच्चे की
पैदाइश की शुरुआत
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मेरे बारे मे (जो मैंने जाना)
महेंद्र मिश्र
नौएडा, उ प्र, India
मै बादल बुलाता हूँ, बिजली चमकाता हूँ. आवाज करती बूँदों से, खुद ही डर जाता हूँ.
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