Wednesday, 23 December 2009

संघर्ष

मान लिया गया
कि मेरा देश महान है
मेरी भाषा महान है
मेरा धर्म महान है
और ऐसा मान लिया गया
हर जगह दुनिया में
मान लिया जाये
कि अपने देश धर्म और भाषा के लिये
कुछ भी कर गुजरना
जिसमे लड़ मरना भी शामिल है
हर व्यक्ति का कर्तव्य हो
और ऐसा मान लिया जाये
हर जगह दुनिया में
फ़िर जो हुआ
हो रहा है
और होते रहने की आशंका भी है
उसे भी क्या
एक वॄहद समय चक्र में
इन्सानियत मान लिया जायेगा ?

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