Friday, 19 March 2010

भविष्य वाणी

कल हाथों मे छिपा है
पर क्या पढ़ना लकीरें
कलम पकड़ें हाथ मे
या हल कुदाल
या फ़िर कूची बांसुरी सा कुछ
लग जायें अभी मेहनत से
इसी आज से निकलेगा कल
और जब वह आयेगा
अपनी परम भव्यता मे प्रकट होगा
केवल तभी जब
आज को सर्वस्व समर्पण किया हो हमने

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