जब कोई चला जाता है
तो छोड़ क्या जाता है
किसी को दे जाता है दौलत
किसी को प्रेमपूर्ण यादें
किसी को गालियाँ
किसी को नाम
किसी को आंसू
और ले क्या जाता है भला
कुछ नहीं
तो सारा मामला आखिर
दे जाने भर का ही है
ले जाने का तो कोई जुगाड़ ही नहीं
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