जब स्वर्ग पहुँचे डार्विन भाई |
बंदरों ने कर दी उनकी पिटाई |
बोले आदमी को ऊँचा बताते हो |
उन्हें हमारा विकास बताते हो |
वो तो बहुत ही गया बीता है |
भाई भाई का खून पीता है |
औरतों से ही जनम पाता है |
कोख को उनकी कब्र बनाता है |
किताबों में नारी का गुणगान करता है |
हकीकत में घोर अपमान करता है |
प्रेम के गीत गाता है |
जीवन घृणा से बिताता है |
दुनिया में हर कोई किसी का दुश्मन है |
इंसानियत विकास नहीं हमारा पतन है |
Friday, 28 September 2012
कुट गए डार्विन भईया
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