Friday 28 September, 2012

कुट गए डार्विन भईया

 
जब स्वर्ग पहुँचे डार्विन भाई 
बंदरों ने कर दी उनकी पिटाई 
बोले आदमी को ऊँचा बताते हो 
उन्हें हमारा विकास बताते हो 
वो तो बहुत ही गया बीता है 
भाई भाई का खून पीता है 
औरतों से ही जनम पाता है 
कोख को उनकी कब्र बनाता है 
किताबों में नारी का गुणगान करता है 
हकीकत में घोर अपमान करता है 
प्रेम के गीत गाता है 
जीवन घृणा से बिताता है 
दुनिया में हर कोई किसी का दुश्मन है 
इंसानियत विकास नहीं हमारा पतन है 

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