Saturday 28 November, 2009

दीवार पर कैद तीन तितलियाँ

देखो
यहाँ दीवार पर कैद
ये तीन तितलियाँ
अभी उड़ेंगी
खिड़की के रास्ते
आकाश मे
या जहाँ चाहें
कर लेना कैद
उनकी उड़ान
और जब
ऊँचा आकाश
निमन्त्रण दे
खोल लेना पर
चल देना
उस अनजान पथ पर
मत सोचना मन्जिल को
मत ढूंढना पदचिन्ह
परों के निशान नहीं बनते

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