जवान होती लड़कियाँ खुश हैं
छुट्टी में स्कूल के बाहर
उड़ रही हैं तितलियाँ
चहचहाट जैसे सांझ बरगद के पेड़ पर चिड़ियों का झुण्ड
दौड़ रहें हैं फूल इधर उधर
इनका कल हो शायद
चिता हवन सेज गजरा
या पालकी मुकुट माला
ज़रा सी देर और झर जायेंगी पंखुरियाँ
उड़ जायेगी खुशबू अनंत में
रंगहीन हो रहेगा बागीचा
उन्हें पता हो न हो अभी
फिलहाल खुश हैं
जवान होती हुई लड़कियाँ
छुट्टी में स्कूल के बाहर
उड़ रही हैं तितलियाँ
चहचहाट जैसे सांझ बरगद के पेड़ पर चिड़ियों का झुण्ड
दौड़ रहें हैं फूल इधर उधर
इनका कल हो शायद
चिता हवन सेज गजरा
या पालकी मुकुट माला
ज़रा सी देर और झर जायेंगी पंखुरियाँ
उड़ जायेगी खुशबू अनंत में
रंगहीन हो रहेगा बागीचा
उन्हें पता हो न हो अभी
फिलहाल खुश हैं
जवान होती हुई लड़कियाँ
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