Monday, 16 July 2012

जवान होती लड़कियाँ

जवान होती लड़कियाँ खुश हैं

छुट्टी में स्कूल के बाहर

उड़ रही हैं तितलियाँ

चहचहाट जैसे सांझ बरगद के पेड़ पर चिड़ियों का झुण्ड

दौड़ रहें हैं फूल इधर उधर

इनका कल हो शायद

चिता हवन सेज गजरा

या पालकी मुकुट माला

ज़रा सी देर और झर जायेंगी पंखुरियाँ

उड़ जायेगी खुशबू अनंत में

रंगहीन हो रहेगा बागीचा

उन्हें पता हो न हो अभी

फिलहाल खुश हैं

जवान होती हुई लड़कियाँ

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