सीमित प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का महत्व
हमसे बेहतर कौन समझेगा भला
अब देखो
अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल
आधा किलोमीटर का पेट्रोल बचाना
पूरे दस किलोमीटर राज मार्ग पर उलटे चलकर
हुशियारी नहीं तो और क्या है
और फिर क्या उलटा और क्या सीधा
वेदों में तो कहीं लिखा है नहीं
सब माया है भईया
गीता में तो लिखा ही है
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गं .......
बचे रहे तो फिर कभी बचे हुए पेट्रोल का सुख भोगेंगे
मर गए तो स्वर्ग
जहाँ बिना पेट्रोल के उड़ते हैं विमान
चरैवेति चरैवेति
अर्थात वीर तुम बढे चलो
ये सिद्धांत तो हम भूलते ही नहीं सड़क पर
कौन माई का लाल हमें रोक सकता है
ज़रा सी लाल बत्ती की बिसात ही क्या है
और फिर क्या लाल और क्या हरा
नज़र नज़र का फेर है बस
रंगों में भी क्या भेदभाव
सबै रंग गोपाल के
गीता में तो लिखा ही है
नहीं लिखा हो तो लिख लो
वैसे भी सब कुछ तो लिखा हुआ है
अपनी गीता में
हमसे बेहतर कौन समझेगा भला
अब देखो
अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डाल
आधा किलोमीटर का पेट्रोल बचाना
पूरे दस किलोमीटर राज मार्ग पर उलटे चलकर
हुशियारी नहीं तो और क्या है
और फिर क्या उलटा और क्या सीधा
वेदों में तो कहीं लिखा है नहीं
सब माया है भईया
गीता में तो लिखा ही है
हतो वा प्राप्यसि स्वर्गं .......
बचे रहे तो फिर कभी बचे हुए पेट्रोल का सुख भोगेंगे
मर गए तो स्वर्ग
जहाँ बिना पेट्रोल के उड़ते हैं विमान
चरैवेति चरैवेति
अर्थात वीर तुम बढे चलो
ये सिद्धांत तो हम भूलते ही नहीं सड़क पर
कौन माई का लाल हमें रोक सकता है
ज़रा सी लाल बत्ती की बिसात ही क्या है
और फिर क्या लाल और क्या हरा
नज़र नज़र का फेर है बस
रंगों में भी क्या भेदभाव
सबै रंग गोपाल के
गीता में तो लिखा ही है
नहीं लिखा हो तो लिख लो
वैसे भी सब कुछ तो लिखा हुआ है
अपनी गीता में
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