गली के बहुत भीतर
एक संकरे आँगन के पीछे वाले
कमरे के जर्जर बिस्तर तक
ठण्ड में सिकुड़ती रहती हैं बूढी हड्डियां
सड़ जाती हैं सब्जियाँ गोदाम के सीलन में
झुलस जाता है मजदूर दिन भर खेत में
सूरज को दिखाई नहीं देता
या वो देखते नहीं
एक संकरे आँगन के पीछे वाले
कमरे के जर्जर बिस्तर तक
ठण्ड में सिकुड़ती रहती हैं बूढी हड्डियां
सड़ जाती हैं सब्जियाँ गोदाम के सीलन में
झुलस जाता है मजदूर दिन भर खेत में
सूरज को दिखाई नहीं देता
या वो देखते नहीं
आह!!!
ReplyDeleteमार्मिक प्रस्तुति...
अनु