विस्तृत खूबसूरत मैदान
कतारबद्ध खड़े संगीने लिए सिपाही
रक्षकों का जखीरा
मोटरों का आलीशान कारवाँ
चौड़े और स्वच्छ राजमार्ग
विशाल और भव्य इमारतें
विभूतियों से सुसज्जित केन्द्रीय कक्ष
परंपरागत और शालीन समारोह
उत्सुक प्रफुल्लित व्यग्र फुर्तीले लोग
मैंने ज़रा गौर से देखा घोड़ों को
उदासीन अनुत्सुक सुस्त
कह रहे थे कि
चलो एक और कवायद खत्म हुई
एक बोला ये सब तो चलता ही रहता है यहाँ
और बाहर वहाँ भी सब ऐसे ही चलता रहता है
घोड़े घोड़े ही रहते हैं
गधे गधे ही रहते हैं
हाँ सूअर जरूर और मोटे होते जा रहे हैं
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