बड़ी समस्याएँ हैं इस देश में
जैसे एक है मुक्ताकाश में शौच क्रिया
कुछ करना होगा इसके लिए
योजना बनानी होगी
गूढ़ चिन्तन चाहिए इस पर
और इसके लिए उपयुक्त स्थान
हमेशा से रहा है शौचालय
तो भईया जब समस्या हो विकराल
तो शौचालय नहीं चाहिए क्या
उतना ही भव्य ?
जैसे एक है मुक्ताकाश में शौच क्रिया
कुछ करना होगा इसके लिए
योजना बनानी होगी
गूढ़ चिन्तन चाहिए इस पर
और इसके लिए उपयुक्त स्थान
हमेशा से रहा है शौचालय
तो भईया जब समस्या हो विकराल
तो शौचालय नहीं चाहिए क्या
उतना ही भव्य ?
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