Friday 20 July, 2012

जिंदगी इक सफर है सुहाना......

चलती रहती है फेसबुक पर जिंदगी

होता रहता है फिल्मों का ज़िक्र

ढूँढ के लाये जाते हैं पुराने गाने

देश विदेश की खबरों की पेश होती हैं चुटकियाँ

आपत्तिजनक तथा अन्य भी कार्टून

बागीचों के चित्र

महफ़िलों का ज़िक्र

बैठकों के दौर

बयान होते हैं छुट्टियों के किस्से

खूबसूरत प्रस्तुतियाँ विचारों की

प्यार तकरार इनकार इजहार

और भी न जाने क्या क्या

फिर एक दिन पैक अप करने की तय कर लेते हैं

राजेश खन्ना

चौंक जाती है फेसबुक पर चलती हुई जिंदगी

थोड़ी गमगीन

थोड़ी यादों से रोमांचित

ठिठकती है ज़रा थम जाती है

जैसे दौड़ते हुए कोई पल भर को रुके

खुल गए अपने जूते के फीते बाँधने को

फिर चल पड़ती है वैसे ही

फ़िल्में गाने चित्र बैठकें मुलाकातें कार्टून

चलती रहती है फेसबुक पर जिंदगी

1 comment:

  1. सत्य वचन....
    कोई रुकता नहीं किसी के लिए......

    सादर
    अनु

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