Friday, 3 August 2012

नया दौर

बैठा रहा

उसके पहलू में

फिर सरककर

आसमान पर

टंग गया चाँद

सुबकती रही रात

देर तक

फिर सर रखकर

उसके काँधे पर सो गई

डेरे उठाकर

लौट गए सितारे

कुछ समय अब

सूरज का

चलेगा दौर

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