गरीबी खड़ी नहीं होती चुनाव में
कमजोर हैं पाँव
गरीबी क्रान्ति नहीं करती
झंडा नहीं उठाती
नारे नहीं लगाती
न हाथों में ताकत है न आवाज में दम
गरीबी एक औजार है
बहुत धार है अभी भी
भेज देती है लोगों को संसद
बदल देती है कुर्सियां
चुनाव क्रान्ति सत्ता संसद वाले
इसीलिए मरने नहीं देते गरीबी को
न केवल वे ज़िंदा रखते हैं इस हथियार को
बनाए रखते हैं तेज और असरदार भी
इस रणक्षेत्र में
जय पराजय कर सिंहासनारूढ़ होते हैं नेता
प्यादे बने कटते रहते हैं गरीब
योद्धा कभी खत्म नहीं होने देते हथियार को
ये उनके अस्तित्व का सवाल जो ठहरा
कमजोर हैं पाँव
गरीबी क्रान्ति नहीं करती
झंडा नहीं उठाती
नारे नहीं लगाती
न हाथों में ताकत है न आवाज में दम
गरीबी एक औजार है
बहुत धार है अभी भी
भेज देती है लोगों को संसद
बदल देती है कुर्सियां
चुनाव क्रान्ति सत्ता संसद वाले
इसीलिए मरने नहीं देते गरीबी को
न केवल वे ज़िंदा रखते हैं इस हथियार को
बनाए रखते हैं तेज और असरदार भी
इस रणक्षेत्र में
जय पराजय कर सिंहासनारूढ़ होते हैं नेता
प्यादे बने कटते रहते हैं गरीब
योद्धा कभी खत्म नहीं होने देते हथियार को
ये उनके अस्तित्व का सवाल जो ठहरा
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