हवाओं के डर से
नन्हे दिए की लौ
काँपती रही
लेकिन
आग की बड़ी लपटें
बेसब्री से
इंतिजार करती रहीं
झोंकों का
चढ़ के जिसपे
वे बढ़ें
ऊँचे और ऊँचे
नन्हे दिए की लौ
काँपती रही
लेकिन
आग की बड़ी लपटें
बेसब्री से
इंतिजार करती रहीं
झोंकों का
चढ़ के जिसपे
वे बढ़ें
ऊँचे और ऊँचे
No comments:
Post a Comment