skip to main
|
skip to sidebar
तत्वमसि
अनुभूति सत्य है, अभिव्यक्ति मिथ्या.
Saturday, 2 January 2010
हम बंधे या भैंस
हम समझते थे कि बँधी है भैंस
टूटी रस्सी और भागी वो
फ़िर जब हम भागे उसके पीछे
पता चल गया कौन बँधा था
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मेरे बारे मे (जो मैंने जाना)
महेंद्र मिश्र
नौएडा, उ प्र, India
मै बादल बुलाता हूँ, बिजली चमकाता हूँ. आवाज करती बूँदों से, खुद ही डर जाता हूँ.
View my complete profile
मेरी अन्य कवितायें
►
2020
(1)
►
January
(1)
►
2019
(1)
►
December
(1)
►
2017
(5)
►
November
(3)
►
May
(1)
►
March
(1)
►
2016
(3)
►
October
(1)
►
July
(1)
►
February
(1)
►
2014
(12)
►
December
(1)
►
July
(2)
►
May
(1)
►
April
(1)
►
March
(5)
►
January
(2)
►
2013
(11)
►
October
(2)
►
July
(1)
►
May
(2)
►
April
(2)
►
February
(1)
►
January
(3)
►
2012
(62)
►
December
(2)
►
November
(5)
►
October
(3)
►
September
(7)
►
August
(20)
►
July
(18)
►
June
(1)
►
May
(1)
►
February
(5)
►
2011
(46)
►
December
(5)
►
November
(3)
►
October
(4)
►
September
(11)
►
August
(6)
►
July
(7)
►
June
(2)
►
May
(2)
►
April
(4)
►
March
(2)
▼
2010
(121)
►
December
(1)
►
August
(6)
►
July
(16)
►
June
(5)
►
May
(5)
►
April
(12)
►
March
(25)
►
February
(20)
▼
January
(31)
ताज
पत्थर की मूर्तियाँ
सम्बन्ध
एक खबर
किस्मत
जश्ने क़ैद
शाम
झूठ
कुछ तो यूँही यहाँ जीना आसान न थाऔर फ़िर तूभी तो मुझ...
संगम
मुक्ति
अति
लेके पत्थर इधर आते हैं लोगशायद हमने सही बात कही है...
पानी गये न ऊबरे
तत्वमीमांसा
बड़ा हुआ तो क्या हुआ
क्या लागे मेरा
मकर संक्रान्ति
एक छोटा सवाल
अर्थ काम धर्म मोक्ष
ड्राइवर
द्रष्टिकोण
सिकुड़न
कोहरा
तृष्णा
Judge Ye Not
कलियुग
बेटी बचाओ; किसलिए?
नानी के घर जाने वाली रेलगाड़ी
हम बंधे या भैंस
प्रार्थना
►
2009
(66)
►
December
(25)
►
November
(20)
►
October
(11)
►
September
(7)
►
August
(3)
►
2008
(10)
►
December
(4)
►
November
(5)
►
October
(1)
►
2007
(1)
►
August
(1)
No comments:
Post a Comment