सूरज निकला भी होना चाहिये
सिर्फ़ खिड़कियाँ खोल देने भर से
नहीं आ जाती धूप
खिड़की खुली भी होनी चाहिये
सिर्फ़ सूरज निकले होने भर से
नहीं आ जाती धूप
धूप लाई नहीं जा सकती
लेकिन रोकी जा सकती है धूप
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अनुभूति सत्य है, अभिव्यक्ति मिथ्या.
No comments:
Post a Comment