इन्सान को चाहिये कि वह
माँ बाप से प्रेम करे
गुरु का करे सम्मान
दीन दुखियों की मदद
औरतों की इज्जत
बड़े बूढ़ों का आदर
ये सब सिखाया जायेगा
एक दिन
जब नहीं रह जायेगी सहज
इन्सानियत
कलियुग कहलायेगा वो दिन
घोर कलियुग !
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अनुभूति सत्य है, अभिव्यक्ति मिथ्या.
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