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तत्वमसि
अनुभूति सत्य है, अभिव्यक्ति मिथ्या.
Thursday, 7 January 2010
तृष्णा
सुना है अन्त हर चीज का है
तो फ़िर क्यों नहीं
इन कमबख्त इच्छाओं का?
उफ़ ये नई इच्छा!
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मेरे बारे मे (जो मैंने जाना)
महेंद्र मिश्र
नौएडा, उ प्र, India
मै बादल बुलाता हूँ, बिजली चमकाता हूँ. आवाज करती बूँदों से, खुद ही डर जाता हूँ.
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