Tuesday, 19 January 2010

लेके पत्थर इधर आते हैं लोग
शायद हमने सही बात कही है
जी मे है कि तुमसे बात करें
कहने को तो कोई बात नहीं है
नज़र का फ़ेर है तेरा होना भी
तू हर जगह है फ़िरभी नहीं है
मर मिटे जब उनके लिये हम
कहते हैं कि तू कुछ भी नहीं है
करता है ढेरों सवाल मेरा दिल
पर तुम्हारा कोई जवाब नहीं है

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